शेयर बाजार में इस महीने और सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को भूचाल आया। सेंसेक्स 1,414 अंक (1.90%) गिरकर 73,198 पर बंद हुआ। निफ्टी भी लगातार आठवें दिन गिरा और 420 अंक (1.86%) टूटकर 22,124 पर आ गया। सेंसेक्स-निफ्टी की यह इस वर्ष की सबसे बड़ी एक दिवसीय गिरावट है। दोनों इंडेक्स फरवरी में करीब 6% टूट चुके हैं और लगातार पांचवें दिन लाल निशान पर बंद हुए। पिछले साल 27 सितंबर को 85,978 अंकों के रिकॉर्ड स्तर से सेंसेक्स 12,780 अंक (15% ) गिर चुका है। वहीं निफ्टी 26,277 के उच्चतम स्तर से 4,152 अंक (16%) नीचे आ चुका है।
28 साल में दूसरी बार…….
फरवरी लगातार पांचवां महीना रहा, जब बाजार में गिरावट रही। ऐसा 28 साल पहले हुआ था। तब जुलाई से नवंबर 1996 के बीच निफ्टी 29% टूटा था। हालांकि तीन महीनों में 20% बढ़ा भी था।
गिरावट के तीन बड़े कारण……..
- अमेरिकी राष्ट्रपति “ट्रंप” ने गुरुवार को कहा कि मैक्सिको व कनाडा पर 4 मार्च से टैरिफ लगेगा और चीन को 10% अतिरिक्त टैरिफ देना होगा। इससे ट्रेड वॉर की आशंका बढ़ी।
- एशियाई बाजारों में गिरावट रही। हांगकांग के बाजार गिरे। इसके बाद आईटी कंपनियों मे मुनाफा वसूली हुई। जापानी बाजारों में बिकवाली हावी रही।
- अमेरिका में साप्ताहिक बेरोजगारी दांवों में अनुमान से ज्यादा वृद्धि हुई। चिंता हुई कि अर्थव्यवस्था धीमी हो सकती है। इससे आईटी इंडेक्स 4% गिरा।
बेहतर नतीजों से मार्च में गिरावट थम सकती है, तभी तेजी लौटेगी
महंगाई, जीडीपी समेत अर्थव्यवस्था के तमाम दूसरे मानकों के बेहतर नतीजों और FII की बिकवाली थमने से मार्च में गिरावट रुक सकती है। अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर टला, तो भी तेज़ी लौटेगी। अभी FII बिकवाली कर रहे हैं। रुख बदला, तो लौट आएंगे। इस समय Large Cap कंपनियों के मूल्यांकन बेहतर हैं। इन पर FII बिकवाली से बचेगा।
टॉप-10 लूजर्स: 50% से 92% तक गिरावट
कम्पनी | 52-वीक हाई | मौजूदा कीमत | गिरावट |
ओला इलेक्ट्रिक | 158 | 57 | -64% |
अडानी ग्रीन | 2174 | 774 | -64% |
वोडाफोन- आइडिया | 19 | 8 | -60% |
कोचीन शिपयार्ड | 2977 | 1269 | -57% |
आईटीआई | 593 | 248 | -58% |
अडानी टोटल गैस | 1198 | 559 | -53% |
ऑयल इंडिया | 767 | 343 | -55% |
अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस | 1348 | 651 | -52% |
हुडको | 354 | 165 | -53% |
न्यू इंडिया इंश्योरेंस | 310 | 142 | -54% |
(20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा मार्केट कैप वाले शेयर)
अक्टूबर से फरवरी तक 5 महीने………..FII ने 3.12 लाख करोड़ निकाले DII ने 3.25 लाख करोड़ लगाए
एफ आई आई | डी आई आई |
-114446 | 107255 |
-45974 | 44484 |
-16982 | 34195 |
-87375 | 86592 |
-47349 | 52545 |
-312126 | 325070 |
पांच महीने में मार्केट कैप 94 लाख करोड़ घटा… शुक्रवार की गिरावट में बीएसई का बाजार मूल्यांकन 9.09 लाख करोड़ रु. (2.31%) घटकर 384.01 लाख करोड़ रह गया। बीते साल 27 सितंबर को 477.93 लाख करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर था। तबसे 93.92 लाख करोड़ (19.65%) घट चुका है।
जीडीपी के आंकड़े जारी..… अर्थव्यवस्था पटरी पर, 6.2% रही जीडीपी
वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में विकास दर 6.2% रही है। दूसरी तिमाही में यह 5.6% थी, जो 7 तिमाही में सबसे कम आंकी गई थी। शुक्रवार को जारी एनएसओ के आंकड़ों में पूरे साल के लिए जीडीपी 6.5% रहने की बात कही गई है। नॉमिनल जीडीपी 9.9% रह सकती है। यह आंकड़े पहले पेश अनुमान से बेहतर हैं। भारतीय स्टेट बैंक ने कहा है कि पिछले तीन वर्ष 2022-25 तक तीन सालों में देश की औसत विकास दर 8.2% रही। 2021-22 में यह 9.7% थी। यह आजादी के बाद सबसे ज्यादा है।
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अर्थव्यवस्था सबसे खराब दौर से उबर चुकी है। भारत उभरते बाजारों में सबसे तेजी से बढ़ता • बाजार बना रहेगा। आईएमएफ का मानना है कि वित्त वर्ष -2025 व 2026 में भी विकास दर् 6.5% बनी रहेगी। एनएसओ ने कहा है कि सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में वित्तीय घाटे का लक्ष्य 74.5% तक हासिल कर लिया है।