दोस्तों, यदि आप शेयर मार्केट में किसी प्रकार का निवेश (Investment) करना चाहते हैं अथवा ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपके पास एक “Demat Account” होना आवश्यक है।
डीमैट अकाउंट का अर्थ होता है ‘डीमैटरियलाइज्ड अकाउंट’।
‘डीमैटरियलाइज्ड’ शब्द का मतलब होता है किसी भी पेपर डॉक्यूमेंट को डिजिटल रूप में बदलना, या उसे डिजिटल रूप में सुरक्षित करना। और ‘अकाउंट’ मतलब खाता, जिसका मतलब होता है किसी भी चीज का रिकॉर्ड रखना।
डीमैट खाता (Demat Account) एक डिपॉजिटरी अकाउंट है, जिसमें आपके सभी स्टॉक्स, शेयर्स, बॉन्ड्स, म्यूचुअल फंड्स और अन्य फाइनेंशियल सिक्योरिटीज इलेक्ट्रॉनिक रूप से रखी जाती हैं। यह खाता आपके शेयर्स और अन्य निवेश की खरीदारी और बिक्री को आसान बनाता है और भारतीय शेयर बाजार में लेन-देन को आसानी से करने में मदद करता है।
Demat Account की शुरुआत क्यों और कब हुई ?।
लगभग 27 साल पहले जब कोई शेयर बाजार में शेयर खरीदता था, तो उसे कागज के रूप में शेयर सर्टिफिकेट मिलता था, जिसपर यह प्रमाणित होता था कि शेयर धारक अथवा शेयर का Owner कौन है। लेकिन इसमें कुछ समस्याएं होती थीं।
जैसे कि – ‘शेयर सर्टिफिकेट’ के रूप में दर्जनों पेपर को संभालना, सर्टिफिकेट का गुम हो जाना, या सर्टिफिकेट का पेपर रखे-रखे खराब हो जाना इत्यादि।
ऐसे ही कुछ कारणों से अक्सर “शेयर होल्डर्स” को अपना शेयर बेचने में समस्या होती थी।
इन्ही समस्याओं को देखते हुए Goverment ने 1996 में NSDL डिपोजिटरी की स्थापना की और Demat Account कांसेप्ट को लाया जिससे सारे ‘ शेयर सर्टिफिकेट’ पेपर की बजाय डिजिटल रूप में दिए जाए जो कि डिमेटिरियलाइज्ड होकर एक अकाउंट में होंगे। साथ ही शेयरों के खरीदने और बेचने का रिकॉर्ड भी डिजिटल रूप में इसी अकाउंट में दर्ज होगा।
इस अकाउंट को ही Demat Account कहा जाता है।
DEMAT ACCOUNT काम कैसे करता है ?
डीमैट अकाउंट का उपयोग मुख्य रूप से खरीदे गए शेयर को होल्ड अथवा ट्रैक करने के लिए किया जाता है।
चूंकि यह ऑनलाइन है इसलिए इसे लॉगिंग करने के लिए User ID और Password होता है। हमारे डीमैट से हमारा बैंक अकाउंट लिंक होता है। जब हमें कोई स्टॉक खरीदना होता है तो हम अपने Demat Account को मोबाइल या लैपटॉप में Login करते हैं, और हमें जितना भी फंड, शेयर्स खरीदने के लिए उपयोग करना होता है उसे हम अपने बैंक अकाउंट से Demat में Add कर लेते हैं ।
अब जब हम किसी स्टॉक्स को खरीदने के लिए Order लगाते हैं, तो डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट इसे स्टॉक एक्सचेंज को भेजता है और स्टॉक एक्सचेंज शेयर विक्रेता को ढूंढता है, और जब Price मैच कर जाती है तो इसे क्लीयरेंस हाउस भेज दिया जाता है ताकि विक्रेता के डीमैट से शेयर डेबिट करके हमारे यानि कि खरीदार के डीमैट में उतने शेयर क्रेडिट किया जा सके। और यह सब-कुछ डीमैट अकाउंट से ऑर्डर लगाने के कुछ ही सेकंड्स में कंप्लीट हो जाता है।
ऐसे ही जब हम अपने शेयर को बेचने के लिए ऑर्डर लगाते हैं तो हमारा शेयर बिकने के बाद शेयर का अमाउंट हमारे डीमैट में क्रेडिट हो जाता है। और जब चाहे हम डीमैट से अमाउंट को Withdrawal कर सकते हैं।
इस प्रकार शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट या ट्रेडिंग करने के लिए आपको Demat Account खुलवाना ही पड़ेगा, बिना डीमैट अकाउंट के आप शेयर बाजार में किसी भी प्रकार से शेयर को खरीद-बेच नहीं सकते हैं।
Demat Account कहां खुलवा सकते हैं ??
जैसे बैंक अकाउंट किसी Bank में खुलता है उसी प्रकार डीमैट अकाउंट एक डिपॉजिटरी में खुलता है।
डिपॉजिटरी का मतलब होता है डिपॉजिट करने की जगह, जहां पर SHARE डिपॉजिट किए जाते हैं।
भारत में सिर्फ 2 ही डिपोजिटरी है CDSL और NSDL .
CDSL = Central Depository Services Limited
NSDL = National Securities Services Limited
इन्हीं दो डिपोजिटरी में डीमैट अकाउंट खुलता हैं।
लेकिन हम सीधे डिपॉजिटरी से अपना डीमैट अकाउंट नहीं खुलवा सकते हैं।
Demat Account किसी ब्रोकर के माध्यम से ही खुलता है।
जैसे – Zerodha, Upstox, Angle One, mStock इत्यादि।
ये सभी ब्रोकर CDSL अथवा NSDL डिपॉजिटरी में से किसी एक से लिंक होते हैं।
दोस्तों हमारा डीमैट अकाउंट इन चारों में खुला हुआ है। जो कि हमने अलग-अलग वजहों से खुलवाया है।
यदि आप इनमें से किसी एक में अपना डीमैट अकाउंट खुलवाना चाहते हैं तो हम Zerodha को पहली प्राथमिकता देंगे। इसे India का No.1 ब्रोकर माना जाता है।
डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स
- PAN Card
- Aadhaar Card
- Bank Passbook/Cheque Book
- Signature
- Mobile Number (Aadhaar Link)
- Email ID
- Blank Page & Sketch Pen
नीचे कुछ बेस्ट ब्रोकर के लिंक दिए गए हैं जिनमें आप अपना Demat Account खोल सकते हैं –
Zerodha में डीमैट अकाउंट कैसे खोले ?
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धन्यवाद!
Bazaar Vigyan